लखनऊ न्यूज डेस्क: लखनऊ के मोहनलालगंज तहसील में शनिवार को हुए संपूर्ण समाधान दिवस कार्यक्रम में उस वक्त हंगामा हो गया, जब सरकारी स्कूलों के मर्जर के विरोध में पहुंचे प्रधानों और अभिभावकों की एडीएम (वित्त एवं राजस्व) से तीखी बहस हो गई। आरोप है कि एडीएम ने प्रदर्शनकारियों से अभद्र भाषा में बात की, जिससे गुस्साए लोगों ने वहीं धरना शुरू कर दिया।
प्रधानों का कहना था कि वे सिर्फ शांतिपूर्वक ज्ञापन देने आए थे लेकिन अधिकारी ने अपमानजनक लहजे में बात की। उनका सवाल था कि जब जनता से ठीक से व्यवहार नहीं किया जा सकता, तो फिर इस तरह के समाधान दिवसों का क्या मतलब है? विरोध में प्रधान संघ देर तक सभागार में डटा रहा।
दरअसल, यूपी सरकार ने 50 से कम छात्रों वाले सरकारी स्कूलों को बंद कर उन्हें नजदीकी स्कूलों में मिलाने का फैसला किया है। राज्य में लगभग 5,000 स्कूल इस योजना के दायरे में आ सकते हैं। इसी को लेकर समाजवादी पार्टी समेत विपक्षी दल पहले से विरोध जता रहे हैं। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ऐलान किया है कि 15 अगस्त को पार्टी कार्यकर्ता बंद हो रहे स्कूलों में झंडा फहराएंगे।
हंगामे की सूचना मिलते ही मौके पर पुलिस और एसडीएम पहुंचे। अधिकारियों ने लोगों को शांत कर ज्ञापन लिया और आश्वासन दिया कि उनकी बात सरकार तक पहुंचाई जाएगी। एसडीएम ने बताया कि स्कूल मर्जर पर फैसला सरकार स्तर का है और नियमों के अनुसार ही कार्रवाई हो रही है।